जी हाँ, ये 100 प्रतिशत सच है कि आपका माइंड और आपका शरीर दोनों ही एक सिस्टम के दो पार्ट है। आप का शरीर और माइंड एक कार में लगे इंजन ओर स्टेरिंग की तरहा है। बगैर स्टेरिंग के आप कार को नही चला सकते और बिना इंजन के भी आप कार नही चला पायेंगे। कार चलाने के लिये आप को दोनों की जरूरत है। जैसा आप के माइंड में चलता है उस का असर आपके शरीर पर पड़ता है। आपने कई बार महसूस भी किया होगा कि आप किसी काम को करने में व्यस्त होते है और अचानक से आप के माइंड में एक खुशनुमा विचार आता है और आप मुस्कुराने लगते है। इसी तरह से एक नकारात्मक विचार आपके हँसते मुस्कुराते चेहरे से हसी को भी गायब कर देता है। आपकी बॉडी लैंगुएज को भी बदल देता है।
जरा सोचिए जब एक विचार आपके बड़े से ताकतवर शरीर के पोस्चर मे परिवर्तन ला सकता है, तो आप अपने शरीर के पोस्चर में परिवर्तन करके अपने मन मे चल रहे विचारो को भी बदल सकते।
क्या आप इसे अभी इसी वक्त महसूस करना चाहेंगे?
ठीक है, अब एक काम कीजिये। अपने सर को नीचे झुकाइये, स्पाइन और कंधों को ढीला छोड़िये 10-20 सेकेंड के लिए ऐसे ही बिना हिले बैठिये और अब इसी पोस्चर में आप किसी अच्छे खुशनुमा लम्हे के बारे में सोचिये जिसमे आप कभी खुश थे। क्या कोई अच्छा विचार आया? नही आयेगा।
अब ठीक इसके विपरीत करना है। अपने कंधों और कमर को सीधा करे, चेहरे को थोड़ा ऊपर उठाये जैसा आप सेल्फी लेते वक्त करते है। और अब अपने चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान लाइये। इस पोस्चर में 10-20 सेकेंड के लिये बैठिये। कमर सीधी कंधे सीधे और अब किसी नेगेटिव विचार के बारे में सोचिये। जिसमे आप कभी दुखी थे। सोचिये-सोचिये। अब मै बात सकता हु की आप मुस्कुरा रहे होंगे क्योंकि एक भी नकारात्मक विचार आप के माइंड में नही होगा।
भौतिकी (Physics) का एक नियम है कि “एक समय मे एक जगह पर एक ही वस्तु रह सकती है।” अगर आप के माइंड में सकारात्मक विचार है और आप की बॉडी लैंगुएज भी सकारात्मक है तो एक भी नकारात्मक विचार आपके माइंड में नही आ सकता।
कॉमेंट बॉक्स में बताइये आप ने क्या महसूस किया?
Stress, Anxiety, Depression कोई बीमारी नही, यह एक मेन्टल और इमोशनल स्टेट है। जिसे कभी भी बदला जा सकता है, और नाही ये जेनेटिक है।
At given time what is in your mind and body is your state
Stress, Anxiety, Depression आपकी मेन्टल, इमोशनल और फिजिकल प्रोग्रामिंग का ही नतीजा है।जैसा आपने बचपन से सीखा, सुना, देखा और महसूस किया। और ये सब आपके सबकोनसियस माइंड में स्टोर है। मजे की बात ये है कि ये वैसी नही रही जैसी आप ने देखी, सुनी, सीखी या महसूस की थी। इन मे से बहुत सारी इनफार्मेशन डिलीट (Delete) हो चुकी है, बहुत सारी इन्फॉर्मेशन को विक्षिप्त (Distort) हो चुकी है, और बहुत सारी इन्फॉर्मेशन को जेरनेलाइज (Generalise) किया जा चुका है। और ये सब आप के सबकोनसियस लेवल पर हो रहा है। कोनसियसली तो आप को मालूम ही नही है कि ये कब और कैसे हुआ। जैसे यदि मैं आप से कहूँ की जरा याद कीजिये उस समय को जब आप पाचवी कक्षा में पड़ते थे तो क्या आप को सब कुछ वैसे के वैसा याद है जैसा आप के साथ घटित हुआ था? नही ये वैसा नही है। आप की बहुत सारि इन्फॉर्मेशन को आपके माइंड जे फिल्टर्स द्वारा delete, distort or generalised किया जा चुका है।
ठीक वैसा ही Stress,Anxiety और Depression के कंडीशन में होता है। आप के साथ आपके पास्ट में भी कुछ ऐसा हुआ होगा जिसमें आप कभी दुखी रहे होंगे, आप ने किसी अपने को खोया होगा, कोई अपराध बोध रहा होगा, बचपन का कोई ट्रोमा रहा होगा, किसी ने धोखा दिया होगा, कोई फेल्यर रहा होगा। जिसे आप के माइंड ने delete, distort or generalised किया और नतीजा आपके सामने है।
Deletion, Distortion and Generalization आपके माइंड के नेचरल फिल्टर्स है। जिनसे आप के अंदर जाने वाली सभी इनफार्मेशन फ़िल्टर होती है।
Deletion मे आप का माइंड बहुत सारी इनफार्मेशन को डिलीट करता रहता है जैसे आप अपने घर से अपने आफिस कॉलेज या कही भी जाते है और रास्ते मे आप को बहुत से लोग गाड़िया भी दिखती भी होंगी पर आप को किसी भी इंसान का चेहरा या गाड़ी का रंग या नंबर भी याद नही रहता। ऐसा क्यो? क्योकि आपका माइंड उन सभी इनफार्मेशन को डिलीट कर चुका है जो आप के काम की नही थी।
Distortion मे आप, आपके आस पास हो रही घटनाओं का मतलब निकल रहे होते है। जैसे यदि अचानक से कोई आप को मैसेज दे कि आप का बॉस आप को अभी अपने केबिन में बुला रहे है तो अब आप इस बात का अलग अलग मतलब निकल रहे होते है,कि आप के बॉस आप से क्या कहेंगे। क्या डांटेगे या किसी ने आप की कोई शिकायत तो नही करदी या आप से कोई गलती तो नही हो गयी।
Generalization यहाँ आप उन बातों को सच मान रहे होते है जो कभी किसी के साथ घटी होंगी पर आप के साथ कभी नही हुई है। और आप ने उन्हें सार्वभौमिक सत्य मान लिया है। जैसा ज्यादातर Stress,Anxiety और Depression के मामलों में होता है। आप इसे सच मान चुके है कि ये कभी ठीक नही हो सकती ये जिन्दजी भर आप के साथ रहने वाली है। जनाब हम इंसान कंटेंट को याद रखते है पर ये भूल जाते की किस संदर्भ में कही गयी है। Stress, Anxiety और Depression किसी मेडिसिन से कभी ठीक नही होती। ऐसे ही आप ने बहुत सारी बातों को generalised किया हुआ है।
देखिये आपकी एक जिंदगी में 3 जिंदगियो को जी रहे होते है एक है आपका Past, आपका Present और आप का Future, आपका Present दो शब्दों से मिलकर बना है Pre+Sent यानी पहले से भेजा हुआ। आपका आज जो Present है उसका बीज आपके Past में बोया जा चुका है जिसका नतीजा आज है। यदि आप चाहते है कि आपका भविष्य बेहतर हो तोआप को अपने आज को बेहतर बनाना पड़ेगा। आज आप को वो कदम उतबने पड़ेंगे वो एक्शन लेने पड़ेगे जिनसे आप का भविष्य बेहतर बन सके।
NLP ( NEURO LINGUISTIC PROGRAMMING ) एक ऐसा साइंटिफिक तरीका जिससे आप मनचाही लाइफ को पा सकते है। जिसमे आप स्वस्थ है, आपके रिलेशन बेहतर है, आपके पास मनचाही दौलत है, आप के जॉब, बिज़नेस और कैरियर में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है। NLP आपकी लाइफ का एक यूजर मैन्युअल है। जिसका इस्तेमाल कर आप अपनी जिंदगी को बेहतर से भी बेहतरीन बना सकते है
अगर आज नही करेंगे तो कब करेंगे?
अगर अपने लिये नही करेंगे तो किसके लिये करेंगे?
अगर ये नही करेंगे तो क्या करेंगे?
ज्यादा जानकारी के लिये अभी कॉल करे।
is proudly powered by WordPress
Are you suffering from Stress, Anxiety, Depression, Psychological/Emotional, or Relationship issues?
What is the reason behind Human Disease, Failures, Broken relationships, Poverty, Frustration, Stress, Anxiety, Depression, OCD, ADHD, PTSD, and many other mental and emotional pains?
🔸What are the things that are responsible for your unwanted behavior and habits?
📌The actual reason is the subconscious patterns we store in our minds since birth. Let's learn the
"𝙏𝙞𝙢𝙚 𝙏𝙚𝙨𝙩𝙚𝙙 𝙎𝙚𝙘𝙧𝙚𝙩 𝙩𝙤 𝙊𝙫𝙚𝙧𝙘𝙤𝙢𝙚 𝙎𝙩𝙧𝙚𝙨𝙨 𝘼𝙣𝙭𝙞𝙚𝙩𝙮 𝘿𝙚𝙥𝙧𝙚𝙨𝙨𝙞𝙤𝙣" in
𝙈𝙞𝙣𝙙 𝙂𝙪𝙧𝙪 𝘼𝙢𝙞𝙩'𝙨
FREE Online Workshop worth Rs. 9̶̶9̶̶9̶̶9̶/- I assure you that you will find the solution to your challenges.
🟢 we are online | privacy policy
WhatsApp us